खींच कर उतार देते हैं उम्र की चादर-ये कम्बख्त दोस्त कभी बूढ़ा नहीं होने देते

khinch kar utaar dete hai umar kee chadar,
ye kambakht dost kabhi budha nahi hone det
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खींच कर उतार देते हैं उम्र की चादर, ये कम्बख्त दोस्त कभी बूढ़ा नहीं होने देते

खींच कर उतार देते हैं उम्र की चादर, ये कम्बख्त दोस्त कभी बूढ़ा नहीं होने देते

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